मामला विक्रम विवि में महिलाओं द्वारा प्रताडऩा के आरोप लगाने का, कोर्ट में पहुंचे दोनों पक्ष
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के एसओईटी संस्थान के निदेशक उमेश सिंह और चार महिला अतिथि विद्वानों (शिक्षक) के बीच का विवाद अब न्यायालय में पहुंच गया। महिला शिक्षकों द्वारा न्यायालय में उमेश सिंह पर प्रताडि़त किए जाने का आरोपों की शिकायत पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की। दूसरी तरफ उमेश सिंह ने भी न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर दिया है। इसमें प्रकरण दर्ज करने से पहले सत्यता जानने के लिए वैज्ञानिक जांच का सहारा लिए जाने की बात कहीं है। उमेश सिंह की तरफ से पक्ष रखते हुए उनके वकील शैलेंद्र सिंह परिहार का कहना है कि आरोप लगाने वालों नार्को, कोर्डियोग्राफ, पॉलीग्राफ या इलेक्ट्रोग्रॉफ टेस्ट शासकीय लैब में करवाया जाए। इससे पूरे प्रकरण में सत्यता निकल आएगी।
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क्या है मामला
विक्रम विवि के इंजीनियरिंग संस्थान एसओईटी में प्रति दिवस कार्य विभाजन को लेकर अतिथि विद्वानों और निदेशक के बीच टकराव चल रहा था। शिक्षक कार्य बढ़ाने की मांग कर रहे थे, निदेशक नियमों का हवाला दे रहे थे। इसी बीच चार महिला शिक्षकों ने थाने पहुंचकर उमेश सिंह पर प्रताडि़त किए जाने का आरोप लगा दिया। साथ ही विवाद में एक अतिथि विद्वान के भाई के रूप में कांग्रेस नेता रवि शुक्ला की एंट्री भी हो गई। इसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप, शिकायतों का दौर जारी है।