राजभवन ने यूजीसी और शासन से मांग लिए नाम, जल्द जारी होगा विज्ञापन
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में प्रभावी धारा 52 खत्म हो गई। इसी के साथ धारा 52 के तहत नियुक्त कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा का कार्यकाल पूरा हो गया। इधर, राजभवन ने सरकार की तरफ से धारा 52 की अवधि नहीं बढ़ाए जाने की सूचना के साथ ही नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी।
सर्च कमेटी के लिए मांगे नाम
कुलपति चयन के लिए तीन सदस्य वाली कमेटी का गठन किया जाता है। इसके तहत कुलाधिपति, यूजीसी और राज्य सरकार से नामित व्यक्ति कमेटी में होता है। राजभवन ने तीनों जगह से नाम मांगे है। साथ ही यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई। दरअसल सर्च कमेटी के सदस्यों की कुलपति चयन में काफी हद तक भूमिका होती है। ऐसे में दावेदारों ने यही से सेंटिग का खेल शुरू कर दिया।
उज्जैन से तीन प्रोफेसरों की दावेदारी
कुलपति पद पर चयन के लिए उज्जैन से तीन प्रोफेसरों की दावेदारी शुरू से ही मजबूत है। इन्होंने सरकार और राजभवन स्तर से लॉबिंग शुरू हो गई। भोपाल में आरजीपीवी और छत्रसाल विवि के कुलपतियों की भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से हुई मुलाकात के बाद उच्च शिक्षा की राजनीति गर्मा गई। सरकार ने भी संवैधानिक पद के दुरूपयोग का आरोप लगा मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में नए कुलपति चयन में सरकार का हस्ताक्षेप बढऩा तय माना जा रहा है।