जल्द जारी होगा विक्रम के नए कुलपति का विज्ञापन, दावेदारों ने शुुुरु की तैयार
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में प्रभावी धारा 52 खत्म हो रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने 15 फरवरी 2019 को धारा 52 लागू प्रभावी की थी। विवि अध्यादेश के अनुसार इसकी अवधि एक वर्ष की होती हैं। यह अवधि पूरी हो गई। शासन उक्त अवधि को बढ़ा सकता हैं, लेकिन मध्यप्रदेश शासन ने विक्रम में धारा 52 की अवधि को नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया हैं। इसकी सूचना राजभवन को भी भेज दी गई है। बता दें कि अब जल्द ही नए कुलपति चयन की प्रक्रिया शुरु होगी। नए कुलपति के चयन तक डाॅ. बीके शर्मा ही कुलपति पद पर रहेंगे।
क्या है धारा 52
विश्वविद्यालय में जब अध्यादेश के विरुद्ध कार्य किए जा रहें हैं। मौजूदा प्रशासन व्यवस्थाओं को संभालने में अक्षम हो। तो राज्य सरकार विशेष प्रावधान के तहत विवि को अपनी अधीन लेता हैं। इसमें नए कुलपति के साथ कार्यपरिषद की जगह विवि को शासन द्वारा गठित बोर्ड संचालित करता हैं। बता दे कि विक्रम विवि के पूर्व कुलपति एसएस पाण्डे के कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। उनके इन कार्यकलापों में कार्यपरिषद की भूमिका भी संदिग्ध रही। यह जांच रिपोर्ट आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने धारा 52 लगाई।
जल्द आएगा कुलपति पद का विज्ञापन
धारा 52 हटने के बाद राजभवन नए कुलपति के पद का विज्ञापन जारी करेंगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही विज्ञापन जारी होगा। लगभग 15 दिन उक्त प्रक्रिया में लगेगे। कुलपति चयन के लिए सर्च कमेटी की आवश्यकता होती हैं। इस समिति में राज्यपाल, यूजीसी और शासन का एक प्रतिनिधि होगा। यह प्रतिनिधि भी विज्ञापन जारी होने के साथ ही पूरी हो जाएगी। हालांकि विज्ञापन जारी होने से पहले ही दावेदारों ने कमर कस ली हैं।