कोरोना वायरस ज्यादा चिंताजनक, लॉकडाउन ही एकमात्र बचाव का माध्यम
उज्जैन. कोरोना वायरस (Coronavirus) पीडि़तों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में हालात चिंताजनक नहीं है, लेकिन अगर लोगों ने ज्यादा सावधानी नहीं रखी। तो हालात कभी भी बिगड़ सकते है। दरअसल, कोरोना वायरस (covid-19) अन्य वायरस की तुलना में काफी अलग है। इसी के कारण इसके प्रकोप ने चिंता बढ़ाई है। बता दे कि अगर किसी कोराना (कोविड-19) पीडि़त व्यक्ति सामान्य रूप से छींकता है। तो छह फीट का वातारण दूषित हो जाता है। इस दायरे में आने वाले व्यक्ति को पीडि़त कर सकता है।
देरी से दिखते है लक्षण
नोवल कोरोना वायरस के लक्षण जल्दी नहीं दिखते है। हांगकांग यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर जॉन निकोलस के मुताबिक नोवल कोरोना वायरस की पुष्टि न होने पर भी खतरा बरकरार है। एक-दो हफ्ते बाद दोबारा जांच जरूरी है, क्योंकि यह वायरस देरी से पनपता है।
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गुणात्मक रूप में बढ़ती है संख्या
कोराना वायरस का एक पीडि़त मिलने के बाद संकट बढ़ जाता है, क्योंकि यह गुणात्मक रूप में बढ़ता है। ऐसे में 1 से 100 होने में समय नहीं लगता। इससे बचाव का एक मात्र साधन है कि पीडि़त व्यक्ति के सम्पर्क में कोई नहीं आए। इसी के लिए सरकार ने लॉकडाउन (lockdown) और जनता कफ्र्यू (janta karfu) की घोषणा की है।
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