माधव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य का नहीं चला दांव, अब जाना होगा झाबुआ 

उच्च शिक्षा विभाग में तबादले के खिलाफ लगाई थी अपील, एनएसयूआई नेताओं से हुआ था विवाद


 
उज्जैन. माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (madhav mahavidyalaya)  के वाणिज्य विषय के प्राध्यापक व पूर्व प्राचार्य बीएल मक्कड़ की तबादले के खिलाफ लगाई गई अपील को उच्चशिक्षा विभाग (mp higher education) ने खारिज कर दिया है। मक्कड़ के द्वारा तबादले को रोकने के संबंध में कई दांव चले, लेकिन विभाग ने एक को भी मान्य नहीं किया। साथ ही उन्हें झाबुआ कॉलेज में आमद देने के निर्देश दिए है। बता दे कि मक्कड़ एनएसयूआई (nsui) कार्यकर्ताओं से विवाद के चलते चर्चाओं में आए। इन्हीं विवाद के चलते उन्होंने चुनाव पूर्व अपना तबादला उज्जैन से सांवेर करवा लिया, लेकिन जैसे ही सरकार बदली। कांग्रेसियों ने उन्हें सांवेर से झाबुआ भेज दिया। 


यह दिए थे मक्कड़ ने तर्क 
अपने तबादले को लेकर मक्कड़ का कहना था कि वह तीन माह पूर्व ही उज्जैन से सांवेर आए है। ऐसे में उन्हें तीन साल तक अन्य जगह तबादला नहीं किया जाना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि वह शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष है, नियमानुसार उन्हें दो तबादलों से छुट है। उन्होंने अन्य बिंदु भी उठाए, लेकिन विभाग ने छात्रहित का हवाला देकर सभी खारिज कर दिए। 


क्या था एनएसयूआई से विवाद 


महाविद्यालय में एनएसयूआई के दो छात्र मयूर नौघाने और यशवंत चौहान का प्राचार्य से विवाद हुआ। इन दोनों के खिलाफ कॉलेज स्टाफ कौंसिल ने इन्हें कॉलेज से बाहर करने की कार्रवाई की। इस कार्रवाई से पहले छात्रों को पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया। साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित बताई गई। इसके बाद छात्र कोर्ट भी गए, लेकिन सरकार बदलते  ही सब कुछ बदल गया।