नियुक्ति नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, चहेतों को लाभ 

विश्वविद्यालय से संबंद्ध महाविद्यालय में धारा 28 कोड के तहत हो रही शिक्षकों की नियुक्ति 



उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय (vikram university)  से संबंद्ध महाविद्यालय में धारा 28 कोड के तहत शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधनों के द्वारा विज्ञापन जारी किया जा रहा है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इन विज्ञापनों से ही नियुक्ति प्रक्रिया में जारी फर्जीवाड़ा उजागर हो रहा है। यह विज्ञापन पूरी तरह से आधे-अधुरे है। न पद की जानकारी न नियमों का उल्लेख है। बस विज्ञापन जारी करने की औपचारिकता। जब नियुक्ति का आधार विज्ञापन ही सवालों के घेरे में है। तो फिर पूरी प्रक्रिया का अंदाजा लगाना आसान है। 
प्रशांति कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट 
इंदौर रोड स्थित प्रशांति कॉलेज (prashanti institute of technology & science ujjain)  में शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने विज्ञापन जारी किया। इसमें प्राचार्य और डॉयरेक्टर व प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, फिजीकल एजुकेशन, लाइब्रेरियन का पद निकाला है। इसके लिए पात्रता के नाम पर एआईसीटीई के नियमों का उल्लेख है। जबकि विक्रम विश्वविद्यालय से संबंद्ध महाविद्यालय में यूजीसी का नियम लागू होता है। 


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पूर्व कुलपति को पाया था जांच में दोषी 
विक्रम विवि में धारा 28 कोड के तहत नियुक्ति में खुला फर्जीवाड़ा होता है। पूर्व में आरडीगार्डी मेडिकल कॉलेज (ardigardi medical)  में शिक्षक नियुक्ति में धांधली का रिकॉर्ड बना था। एक ही दिन में 121 पद के लिए एक ही कमेटी ने साक्षात्कार लिए थे। हाईकोर्ट के निर्देश पर उक्त प्रकरण की जांच हुई और पूर्व कुलपति एसएस पाण्डे को दोषी पाया गया।
अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा खेल 
विक्रम विवि में धारा 28 कोड का खेल अकादमिक विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से चला रहा है। बता दे कि इस विभाग में सालों से एक ही अधिकारी जमे हुए है। इन्हीं लोगों ने पूर्व कुलपति के कार्यकाल में धारा 28 कोड की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया। जो जांच में गलत पाई गई। इसके बावजूद इन लोगों को पद से नहीं हटाया गया। अब यह लोग खुलेआम फिर धांधली के काम में जुट गए है। 


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