समस्या का समाधान नहीं हुआ...तो परीक्षा में एक टेबल पर बैठेगे दो छात्र

विवि की वार्षिक स्तर की परीक्षा 5, परीक्षा केंद्रों से आ रही शिकायत 



उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय की वार्षिक पैटर्न पर होने वाली स्नातक स्तर पाठ्क्रम की परीक्षा 5 मार्च से शुरू हो रही है। इसके लिए परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर दिया गया है और परीक्षा केंद्रों को छात्र भी आवंटित कर दिए गए है, लेकिन परीक्षा से पहले ही नया संकट सामने आ गया है। दरअलस, जिन परीक्षा केंद्रों पर 300 छात्रों के बैठने की व्यवस्था है। वहां पर 900 छात्रों की परीक्षा करवाने के आवंटित कर दिए है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन के माथे पर बल आना लाजमी है। कॉलेज प्रबंधनों के द्वारा विवि को आगह कर दिया है कि अगर छात्र संख्या ज्यादा रही। तो एक टेबल पर दो छात्र बैठेंगे। दूसरी तरफ प्रमुख शासकीय कॉलेजों ने संसाधन नहीं होने का हवाला देकर ज्यादा छात्रों की परीक्षा करवाने से मना कर दिया है। इससे भी परीक्षा की व्यवस्था बिगड़ रही है। 


प्रोफेसर ने की महिला शिक्षकों के पॉलीग्राफ, इलेक्ट्रोग्रॉफ टेस्ट की मांग
लगातार आ रही कॉलेजों से आपत्ति 
परीक्षा केंद्रों का निर्धारण होने के बाद लगातार कॉलेज प्रबंधनों की तरफ से आपत्ति आ रही है कि उन्हें कॉलेज में क्षमता से ज्यादा परीक्षार्थियों को आवंटित कर दिया गया। विवि अधिकारियों ने इन आपत्ति को ले भी लिया है, लेकिन एक-दो कॉलेजों को छोड़कर किसी के प्रकरण में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है।


सर्च कमेटी के नाम तय...कौन होगा विक्रम का अगला कुलपति
सुमनमानविकी परीक्षा अब बंद 
पूर्व कुलपति प्रो. एसएस पाण्डे ने शहर के कॉलेजों की प्रमुख परीक्षाओं को विवि में आयोजित करवाने का निर्णय लिया था। इससे कॉलेजों को क्षमता के अनुसार ही परीक्षार्थी आवंटित होते थे, लेकिन कुलपति बदले ही २ लाख रूपए का वेतन पाने वाले विवि के प्रोफेसरों ने सुमनमानविकी परीक्षा केंद्र पर परीक्षा करवाने का निर्णय बदलवा लिया। इससे अब पूरा भार कॉलेजों पर ही आ गया है। बता दे कि कुछ प्राइवेट कॉलेजों को केंद्र नहीं बनाया जाता है।