शासकीय कर्मचारियों के संबंध में विधानसभा में मांगी जानकारी, नियम भी पूछे
भोपाल. शासकीय कर्मचारियों के द्वारा सोशल मीडिया पर राजनैतिक दल और सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी और कमेंट की जाती है। कई बार इन कमेंट को लेकर विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। अब यह मामला विधानसभा में पहुंच गया है। उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव ने विधानसभा में उक्त प्रकरण से संबधित जानकारी मांगी। इसके बाद विधानसभा ने पुलिस से जुड़ी सभी इकाई से जानकारी मांगी है। साथ ही नियम और कानून भी पूछे है।
तीन बिंदुओं पर मांगी जानकारी
- शासकीय कर्मचारी व अधिकारी सोशल मीडिया पर राजनैतिक दल व शासन के खिलाफ प्रतिक्रया दे सकते है। अगर नहीं दे सकते है। तो इसके नियम क्या है।
- १ जनवरी से प्रश्र दिनांक तक कितने लोगों क खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई।
- अगर शिकायत प्राप्त हुई है। तो शासन ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगा। स्पष्ट किया जाए।
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लगातार सोशल मीडिया पर हल्ला बोल
शासकीय कर्मचारियों के द्वारा लगातार सोशल मीडिया पर जाति, धर्म और राष्ट्रवाद के साथ आरक्षण सहित अन्य मुद्दों पर राजनैतिक दल और सरकार के खिलाफ प्रतिक्रिया दी जा रही है। आईएएस व आइपीएस स्तर के कई अधिकारियों के ऐसे गंभीर विषयों से जुड़े वीडियो भी आ चुके है। चुनावी आचार संहिता के दौर में ऐसे लोगों पर कार्रवाई होती है। इसके बाद मामला सामान्य रूप से चलने लगता है। उम्मीद है कि विधानसभा में पहुंचने के बाद कार्रवाई संबंधी नियम स्पष्ट होंगे और शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा।