देशभर में रामायण के बालकाण्ड से बाल निकलने की चर्चा, कितना सच - कितना संयोग
उज्जैन. सोशल मीडिया (social media) पर इन दिनों रामायण (Ramayan) के बालकण्ड (Balakanda) से बाल निकलने की अफवाह जोरों पर चल रहा है। लोगों के बीच चर्चा है कि रामायण के बाल निकलने का मतलब किसी अनिष्ठ की तरफ इशारा है। लोग इस बाल को गंगाजल से धोकर निष्क्रिय कर रहे है। अब इस पूरी अफवाह के बीच उज्जैन से भी एक रामायण से बाल निकलने का दावा हुआ है। विक्रम दर्शन की टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की। तो यह सच साबित हुआ कि रामायण से बाल मिला है, लेकिन यह कितना सच और कितना संयोग है। इसकी पुष्टि कर पाना किसी के लिए संभव नहीं है।
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क्या है विद्वान की राय
विक्रम विश्वविद्यालय के संस्कृत, ज्योतिष, वेद अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर का कहना है कि व्यक्ति का दावे को झूठा कहना उचित नहीं होगा, लेकिन यह मात्र सिर्फ संयोग है कि जिस समय इस तरह की अफवाह चल रही है। ऐसे में खुद की रामायण जांचने पर बाल निकल आया। दरअसल, प्रतिदिन रामायण का पाठ होता है। ऐसे में बाल ग्रंथ में आ जाए। यह कोई बड़ी बात नहीं। यह सिर्फ संयोग है। लोगों को अफवाह से बचना चाहिए।
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कोरोना वायरस से जोड़कर चला मैसेज
सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे मैसेज से जानकारी लेकर जीरो पाइंट रिंग रोड कॉलोनी निवासी (नाम गोपनीय) कुछ लोगों ने एक महिला की रामायण की जांच की। संयोग से ग्रंथ के बालकाण्ड में बाल भी निकल आया। इसके बाद यह चर्चा क्षेत्र में फैल गई कि पुस्तक में सच में बाल निकल रहा है। हालांकि इसके बाद अन्य लोगों ने भी ऐसा करके देखा कि बाल नहीं मिला।
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